जानिए बजट भाषण के दौरान किन मौकों पर सदन का माहौल खुशनुमा हो गया?
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फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमन ने 2023-24 का यूनियन बजट पेश किया। करीब 87 मिनट की स्पीच के दौरान कई बार ऐसे मौके आए जब पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। उन्होंने अपने बजट में 'सप्तर्षि' का भी इस्तेमाल किया और कई बार अनोखे शब्दों से सदन को हंसा भी दिया। बजट में अमृतकाल में यूथ पर फोकस, सिटिजन्स के लिए आपरच्यूनिटी, जॉब क्रिएशन और स्ट्रॉग और स्टेबल माइक्रो-इकोनॉमी इनवायरमेंट को मेन विजन बताया गया।   

सीधे शब्दों में फाइनेंस मिनिस्टर ने यूनियन बजट को दो पार्ट्स में पेश किया। पहले पार्ट में उन्होंने योजनाओं और देश को 'सप्तर्षि' की राह से मार्गदर्शन की बात की और दूसरे पार्ट में इनकम टैक्स और दूसरे टैक्सेस की बात हुई। बजट की शुरुआत में वित्तमंत्री ने सप्तर्षि का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा- जैसे पुराने समय से सप्तर्षियों ने हमें रास्ता दिखाया, वैसे ही उन्होंने ने आगे के लिए सात लक्ष्य रखें हैं। जिसमें समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा, वित्तीय क्षेत्र हैं।

वैसे, स्पीच के दौरान स्कीम पसंद आने के बाद जब मोदी-मोदी के नारे लगे, तो दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से भी भारत जोड़ो-भारत जोड़ो के नारों की आवाज भी काफी तेजी से सुनाई दी।

इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुस्कुराते हुए अनाज के लिए श्रीअन्ना शब्द का इस्तेमाल किया। जिस पर सदन में काफी तालियां पिटी। यहां पर श्रीअन्ना का मतलब मोटे अनाज और बाजरा से था। वैसे भारत बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा निर्यातक देश भी है। और अब इसे ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए हैदराबाद में भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को डेवलप करने की बात सामने रखी। इसे बजट में शायद इसलिए शामिल किया क्योंकि इंडिया के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा का इंटरनेशनल साल घोषित किया है।

एक समय पर निर्मला सीतारमन के एक फंबल पर सिर्फ विरोधी नेता ही नही पीएम मोदी के साथ पूरा सदन हंसने लगा। दरअसल, निर्मला सीतीरमण पुराने पोल्युटेड वाहनों को रिप्लेसमेंट और भारत में ग्रीन पॉलिसी को बढ़ावा देने की बात कह रहीं थीं। तब वो पॉल्युटिंग और पॉलिटिशियन को मिक्स कर गईं। जिस पर पूरे सदन के साथ ही वो खुद भी हसंने लगीं।

फाइनेसं मिनिस्टर ने देश की योजनाओं के बारे में बताते हुए कई जानदार शब्दों का इस्तेमाल किया। सिविल सर्विसेज के लिए मिशन कर्मयोगी का इस्तेमाल हुआ, तो msme के लिए विवाद से विश्वास का इस्तेमाल किया गया। इसी के साथ आजादी के अमृत महोत्सव के साथ पंचामृत, अमृतधरोवर और मिस्टी शब्द भी माहौल में गूंजा। इनका इस्तेमाल अलग-अलग संदेश के लिए हुआ, जैसे मिस्टी 'MISHTI' को 'Mangrove Plantation Along Coastline' के लिए इस्तेमाल किया गया। इस दौरान भी वित्तमंत्री के साथ सदन में लोगों के चेहरों पर मुस्कान थी।

इस साल की स्पीच करीब एक घंटे 27 मिनट का थी। जबकि इससे पहले 2022 में ढेंड घंटे और 2020 में 2 घंटे और 42 मिनट का था। जोकि अब तक की वित्त मंत्री की सबसे लंबी स्पीच है। वैसे इससे पहले भी 2019 में निर्मला सीतारमन ने 2 घंटे 17 मिनट का भाषण देकर 2003 में दिए जसवंत सिंह के 2 घंटे 15 मिनट के भाषण का रिकार्ड तोड़ा था।

निर्मला सीतारमन, सांड़ियों की काफी शौकीन के तौर पर जानी जाती हैं। इस साल के बजट के दौरान वित्तमंत्री ने लाल रंग की खास साड़ी पहनी थी। इस साड़ी के प्रिंट को टेंपल बार्डर प्रिंट कहा जाता है। जोकि दक्षिण भारत के मंदिरों के आर्किटेक्टर पर आधारित है। वित्तमंत्री का साड़ी में सुनहरे चौड़ा बार्डर है जो सुनहरे धागों से बनाया गया।  

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