कपिल शर्मा की ज्विगाटो रिलीज हो चुकी है। मानस के कैरेक्टर में कपिल शर्मा है और उनकी वाइफ के रोल में प्रतिमा यानी शहाना गोस्वामी। जिन्होंने अपनी एक्टिंग से फिल्म बांधने का काम किया है। करीब 40 फिल्मों में एंक्टिंग करके डायरेक्शन में आई नंदिता दास ने फिराक औऱ मंटो के बाद अब करीब 15 करोड़ में ज्विगाटो तैयार कर दी है। फिल्म के ट्रेलर में ये एक डिलीवरी ब्वॉय की कहानी लगती है। लेकिन फिल्म इससे कहीं ज्यादा है।
कपिल की कॉमेडियन इमेज काफी पावरफुल है, लेकिन जब ज्विगाटो देखते हैं तो आपको कपिल की बेहेतरीन संजीदा एक्टिंग भी दिखती है। हालांकि फिल्म की शुरुआत में किरदार पकड़ने में कपिल को कुछ समय लगा, कहीं-कहीं उनके डायलॉग डिलीवरी भी बनावटी लगती है। लेकिन पूरी फिल्म में कपिल आम आदमी के रोल में परफेक्ट दिखते हैं। इस जगह नंदिता दास के सेलेक्शन की तारीफ बनती है।
वैसे, नंदिता ने खुद ही बताया था कि उन्होंने कपिल की एक्टिंग ज्यादा नहीं देखी थी, लेकिन एक अवार्ड शो में वो उन्हें आम आदमी की तरह लगे। फिर जब शाहरुख वर्सेज कपिल सेलेक्शन पर सवाल पूछा गया तो नंदिता का जवाब भी साफ था कि उन्हें फिल्म में आम आदमी चाहिए। अमीर आदमी नहीं। खैर ये तो कपिल की एंक्टिंग की बात, लेकिन कपिल की वाइफ का रोल प्ले कर रही शहाना गोस्वामी ने कई बार अनकहे ही अपने एक्प्रेशन्स से काफी कुछ बयां कर दिया। ये एक मेन वजह हो सकती है। फिल्म देखने की।
इंडिया की दो फूड डिलीवरी कपंनी स्विगी और जोमेटो का मिलाकर फिल्म का टायटल ज्विगाटो बना है। फिल्म डिलीवरी ब्वॉय की कहानी दिख रही है। हालांकि असलियत में मीडिल क्लॉस की कहानी है। जिसे पर्दे पर शानदार अंदाज में परोसा गया है। घंड़ी कंपनी में मैनेजर के तौर पर काम कर रहे मानस को पेंडेमिक में नौकरी गवानी पड़ती है, फिर वो फूड डिलीवरी ब्वॉय बन जाते हैं। लेकिन फिल्म में जिस तरह से अमीर और गरीब पक्ष को पैसे और क्लॉस के जरिए छूआ गया है वो फिल्म का सबसे शानदार पक्ष है।
बेबसी को डायलॉग के जरिए सटीकता से दिखाया गया है जैसे एक पोस्टर पर लिखा होता है वो मजदूर है इसलिए मजबूर है तो उसपर मानस कहते हैं वो मजबूर है इसलिए मजदूर हैं। एक और जगह एक कॉपोरेट फीमेल वर्कर फटकारती है तुम लोगों की आदत तो बस कम्प्लेन करना आता है, तो उस वक्त मानस कहते हैं कि आदत तो चुप रहने की है। लिफ्ट के दरवाजे पर लिखा होना कि डिलीवरी ब्वॉय लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। फिर एक जगह जब मानस का बेटा 100 रुपए की चीज जो 30 रुपए में मिल रही होती है और आर्डर कर देता है। तो वो आर्डर काउंट न होना कैसे मूड खराब कर देता है। ऐसी ही कई चीजें जो अनकहे अंदाज में परोसी गई है....वो देखने के लिए आप फिल्म को थियेटर में देखने का मन बना सकते है। तो फिल्म फ्लैट है और कोई अगर आप कपिल शर्मा के कॉमेडियन वाले अंदाज को देखना चाहते हैं वो फिल्म में नहीं है।
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