महंगी ड्रेस, शानदार चश्मा, 6 फीट से ज्यादा हाइट और चेहरे पर अलग ही रौब ऊपर से फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना, अब ऐसी पर्सनालिटी वाला कोई इंसान कहेगा कि वो एक बड़ा अधिकारी है तो शायद कोई भी अंदाजा न लगा पाए कि वो फर्जी भी हो सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ जम्मू कश्मीर में हुआ। ऐसी इमेज का फायदा उठाकर Z-Plus सिक्योरिटी और बुलेटप्रूफ SUV के साथ पूरे जम्मू-कश्मीर में मौज मस्ती की। वो भी एक दो दिन नहीं बल्कि छह महीने से ज्यादा। यहां तक कि अधिकारियों के साथ बैठक की और घाटी के बारे में जानकारी हासिल की। ऐसा PMO के एक फेक ऑफिसर ने किया है। आखिरकार उसकी इस ठसक की भनक सीआईडी को लग गई और धरा गया. इसकी 10 दिन पहले गिरफ्तारी हुई, लेकिन मामला कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी में भेजे जाने के बाद सामने आया.
इस शातिर ठग का नाम किरण भाई पटेल है और गुजरात का रहने वाला है। जो खुद को PMO का एडिशनल डायरेक्टर बताता था और फर्जी पहचान पत्र भी बनवा रखा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पिछले साल अक्टूबर से कश्मीर घाटी का दौरा कर रहा है और अपना रौब झाड़ रहा था। और रौला दिखाने में कोई कसर न रहे इसके चलते ये कॉनमैन एलओसी के करीब उरी में कमान पोस्ट तक गया और श्रीनगर में लाल चौक पर भी पहुंचा।
किरण भाई पटेल ने अपने ट्विटर हैंडल पर कश्मीर दौरे के कई वीडियो पोस्ट किए हैं, जिसमें भारी सुरक्षा के बीच ये घाटी में मौज-मस्ती करता देखा जा सकता है। यहां तक कि इस साल फरवरी में शानदार हुई बर्फबारी में वादियों का लुत्फ उठा रहा है। श्रीनगर के निशात पुलिस थाने में दर्ज FIR के मुताबिक, किरण पटेल इस पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र के साथ-साथ घाटी के अन्य हिस्सों की कई गतिविधियों में शामिल रहा है। उसने गवर्नमेंट हॉस्पिटैलिटी के जमकर मजे भी लिए हैं। क्योंकि उसे एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और एक लक्जरी होटल में कमरा दिया गया था।
ठग किरण पटेल ने अपने ट्विटर बायो में लिखा है कि वो कॉमनवेल्थ युनीवर्सिटी वर्जीनिया से पीएचडी है। इसके अलावा IIM त्रिची से एमबीए किया है। साथ ही साथ कंप्यूटर साइंस में एम.टेक और बी.ई कंप्यूटर भी किया है। ये सब कितना सही है इसका कुछ पता नहीं। उसने खुद को थिंकर, स्ट्रैटेजिक, एनालिस्ट, कैंपेन मैनेजर बता रखा है। इतना पढ़ा-लिखा और काबिल बताने के बाद भला कौन उससे सवाल कर सकता है, लेकिन सीआईडी की पैनी नजर से बच नहीं पाया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किरण पटेल ने गुजरात से अधिक पर्यटकों को लाने के तरीकों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठकें भी की थीं। दूधपथरी को टूरिज्म स्पॉट बनाने के बारे में भी उसने चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, ठग के बारे में जेके पुलिस को खुफिया एजेंसी ने अलर्ट किया था। इसी के बाद ही उस पर कड़ी नजर रखी गई। जैसे ही वो दोबारा जम्मू-कश्मीर दौरे पर गया उसे अरेस्ट कर लिया गया। किरण भाई पटेल पर धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज बनाने को लेकर IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलवामा के डिप्टी कमिश्नर बशीर उल हक और पुलिस अधीक्षक जुल्फकार आजाद से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूछताछ की कि ये ठग समय से क्यों नहीं पकड़ा गया? वहीं, गुजरात पुलिस की एक टीम भी जांच में शामिल हुई है और इसकी अबतक की सभी हरकतों को खंगाला जा रहा है। किरण पटेल का कश्मीर प्रेम उसके ट्विटर हैंडल से देखा जा सकता है। इसने इस साल 19 जनवरी को एक ट्वीट कर कहा, ‘2015 से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मेरे दिल में खास जगह बनाई है। ये जानकर खुशी हुई कि इस साल कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले मुझे बार-बार कश्मीर जाने की जरूरत है।’ लेकिन फिलहाल अभी ये ठग जेल की सलाखों के पीछे है।
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