साल 1854, ये वो वक्त था जब अंग्रेजों ने भारत में सिविल सर्विस एग्जाम की शुरुआत की थी। जिसके लिए मिनिमम ऐज 18 साल और मैक्सिमम ऐज 23 साल थी। आपको ये पता होगा कि UPSC में सफलता हासिल करने वाले पहले भारतीय रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनने वाली पहली भारतीय महिला कौन थीं? आज किस्सा देश की पहली महिला आईएएस का...
जिस दौर में महिलाओं का बाहर निकलकर नौकरी करना भी एक मुश्किल काम था। उस दौर में अन्ना राजम ने न सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा में बैठी, बल्कि इसे पास भी किया। यही नहीं देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त करने वाली अन्ना राजम ने ये कठिन परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में पास कर मद्रास कैडर से ट्रेनिंग ली।। अन्ना राजम को देश की दूसरी महिला आईएएस जबकि आजाद भारत की पहली महिला आईएएस बनने का गौरव प्राप्त है। और इसके अलावा वो देश की पहली महिला सचिव भी हैं। अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म केरल में हुआ था। अन्ना राजम केरल के एर्नाकुलम जिले में 17 जुलाई 1924 में पैदा हुईं थीं। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कोझिकोड से की। बाद में चेन्नई में स्थित मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी आगे की शिक्षा पूरी की। कॉलेज पूरा होने के बाद अन्ना राजम ने प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला लिया और सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। साल 1951 में, अन्ना राजम पहले ही अटेम्ट में सेलेक्ट हो गईं।
अन्ना राजम के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था । उन्हें कई कई तरह की कठिनाइयों को झेलना पड़ा । द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जब वो सिविल सेवा के इंटरव्यू में पहुंची तो बोर्ड मेंबर्स ने उन्हें ये नौकरी नहीं करने की सलाह दी और उन्हे सुझाव दिया कि वो फॉरेन सर्विस या सेंट्रल सर्विसेज की कोई नौकरी चुन लें, क्योंकि महिलाओं के लिए वही सूटेबल होता है। लेकिन अपने इरादे पर अडिग अन्ना ने इससे साफ मना कर दिया और आईएएस अफसर बनने का फैसला किया। अन्ना राजम मल्होत्रा ने मद्रास कैडर चुना। उस समय के नियमों के मुताबिक, अन्ना राजम के लिए नौकरी करते हुए शादी करना भी आसान नहीं था।
साल 1951 में जब अन्ना को सर्विस में जॉइनिंग मिली तो उनके अपॉइंटमेंट लेटर पर लिखा था- 'आपकी शादी होने पर आपको निलंबित किया जा सकता है।' लेकिन वह इससे परेशान नहीं हुईं। उन्होंने सर्विस जॉइन की और कुछ साल बाद जब नियम बदला तो उन्होंने अपने बैचमेट आरएन मल्होत्रा से शादी कर ली। उन्होंने राइफल, घुड़सवारी और पिस्टल शूटिंग का अभ्यास करके अपने कौशल को बढ़ाया। आईएएस बनने बाद अन्ना राजम ने अपने सेवा काल में देश के दो प्रधानमंत्रियों और सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। उनकी सेवा काल में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम किया। 1982 में दिल्ली में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ। उस दौरान अन्ना राजम मल्होत्रा एशियाई खेलों की प्रभारी के तौर पर कार्यरत थीं। अन्ना राजम मल्होत्रा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवा दी थी। अन्ना मल्होत्रा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी के अधीन और केंद्र में IAS अधिकारी के रूप में काम किया। रिटायरमेंट के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा ने प्रसिद्ध होटल लीला वेंचर लिमिटेड के डायरेक्टर पद पर कार्य किया। बाद में देश की सेवा करने के लिए अन्ना राजम मल्होत्रा को साल 1989 में भारत सरकार ने पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया।
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