वर्ल्ड के पहले फीमेल वेजाइना म्यूजियम के इस कोर्स को शुरू करने से दुनिया में विवाद बढ़ा
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आप सभी ने दुनियाभर में साइंस, क्रॉफ्ट और वैक्स म्यूजियम देखे और सुने होंगे। लेकिन क्या आपने 2019 में लंदन में बनकर तैयार हुए एकलौते वेजाइना म्यूजियम के बारे में सुना है। अक्सर विवादों में रहने वाले इस वर्ल्ड फेमस म्यूजियम ने अब महिलाओं के ओवेरियन कैंसर की अवेयरनेस के लिए एक जेंडर न्यूट्रल क्रैश कोर्स को लेकर नया पंगा ले लिया है।

हाल ही में वेजाइना म्यूजियम के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ओवेरियन कैंसर अवेयरनेस को लेकर कुछ ट्वीट किए गए थे। इस थ्रेड में लिखा गया था कि आवेरियन कैंसर का शिकार होने वाले लोगों में ज्यादातर महिलाएं हैं। इसके बाद ट्विटर पर बवाल शुरू हो गया। कुछ यूजर्स ने म्यूजियम पर महिलाओं का महत्व कम करने और उनका अपमान करने के आरोप लगाए।

जानकारी आम है कि केवल महिलाओं को ओवेरियन कैंसर हो सकता है, क्योंकि ‘अंडाशय’ महिलाओं के शरीर का ही हिस्सा है। पुरुष अंडाशय के साथ पैदा ही नहीं होते तो उनमें ओवेरियन कैंसर कैसे हो सकता है। वे ट्रांसजेंडर, जो महिला से पुरुष बने हों, उनमें इस कैंसर की संभावना हो सकती है। लेकिन वो भी तब, जब वो ट्रांसफॉर्मेशन के दौरान शरीर से अंडाशय न निकलवाएं

वेजाइना म्यूजियम की फाउंडर फ्लोरेंस शेक्टर हैं। इसे बनाने में 44 लाख रुपये का खर्च आया था, जिसे उन्होंने क्राउडफंडिंग के जरिए इकट्ठा किए थे।

द न्यूयार्क टाइम्स की छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इस म्‍यूजियम को खोलने का मुख्‍य उद्देश्‍य महिलाओं के प्राइवेट पार्ट यानी वेजाइना के बारे में लोगों को शिक्षित करना है और साथ ही इससे जुड़ी बीमारियों के प्रति अवेयर करना है।

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